तुम प्यार नहीं कर पाओगे ❤️

Shree Krishna Jamakatel
1 min readNov 12, 2021
तुम प्यार नहीं कर पाओगे ❤️

तुम प्यार नहीं कर पाओगे

तुम नश्वर हो तो भावों में
अमरत्व कहाँ से लाओगे?
तुम प्यार नहीं कर पाओगे।

पथरीली है यह प्रेम डगर।
कोमलतम जग के नारी नर।
कुछ पहले ही दम तोड़ गए
कुछ बैठ गए थोडा चलकर।

प्रियतम इस पथ में पाँव न दो।
चलते चलते थक जाओगे।
तुम प्यार नहीं कर पाओगे।

मै आज प्रणय पथ में आया।
मन में सुंदर सपने लाया।
पर इसका कोई मोल नहीं।
कल कौन तुम्हारे मन भाया।

यह ज्ञात नहीं इस जीवन में
तुम किस किस के कहलाओगे।
तुम प्यार नहीं कर पाओगे।

मानव का मन है ही चंचल।
अपने से भी करता है छल।
दो छीटों से बुझ जाता है।
विक्षिप्त धधकता विरह अनल।

तुम ठीक तृणवत् मन की गति के,
हलकोरों में बह जाओगे।
तुम प्रेम नही कर पाओगे।

मैं तुमसे प्रियतम कहता हूँ।
तुम ज्यादा हो कम कहता हूँ।
मैं ठीक प्रणय के बंधन को
सच पूछो तो भ्रम कहता हूँ।

तुम सुख के सुंदर धोखे में
फिर मुझको क्या उलझाओगे।
तुम प्यार नहीं कर पाओगे।

तुम नश्वर हो तो भावों में
अमरत्व कहाँ से लाओगे।।
तुम प्यार नहीं कर पाओगे।

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